Book Title: Shaddravya Vichar Part 1 Author(s): Buddhisagar Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal View full book textPage 8
________________ उद्देश. श्री तीर्थकर महाराजाए समवसरणमां बेसी भव्य__ जीवोना हित भणी षड्व्व्य नुं स्वरूप कथन कयु. ते षड्द्रव्य स्वरूप एवं छे के ते जाणीने तेनी श्रद्धा करवाथी सम्यकत्वनी प्राप्ति थाय छे. जीवादि नव तत्वनो समावेश पण षड्द्रव्यमां थइ शके छे ए षड़द्रव्यविशेष स्वरूप सूत्रोमां छे. तेमाथी यत्किंचित् आ ग्रंथमां लखवामां आव्युं छे. श्री तीर्थकर महाराजाए, १ द्रव्यानुयोग २ गणितानुयोग ३ चरणकरणानुयोग अने ४ कथानु योग ए चार अनुयोग कथन कर्या छे. तेमां द्रव्यानु योग विशेषे करी आत्माने हितकारक छे. जेम जेम द्रव्यानुयोगर्नु विशेष विशेष स्वरूप जाणवामां आके के तेम तेम सम्यक्त्वनी शुद्धि थाय छे षड्व्य नोPage Navigation
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