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रोग
जिगर की बिमारियां, गुर्दे की बिमारियां, जलोदर, कारवंकल, पाचन क्रिया के रोग । वसा के द्वारा उत्पन्न रोग ।
यह ब्राह्मण वर्ण, पुरुष लिंग, अग्नि तत्व तथा उत्तर-पूर्व दिशा का प्रतिनिधि है।
शुक्र
इसके काले घुंघराले बाल, विशाल शरीर, कालिमा लिए रंग, चौड़ी आंखे, सुन्दर चेहरा, नक्श का प्रतिनिधि है। शुक्राणाओं का कारक ग्रह है तथा रति का शौकिन है प्रेम सम्बन्ध आकर्षण व्यक्तित्व का स्वामी है जालीय तत्व, पत्नी, नृत्य कदो, ऐन्द्रिय सुख, वाहन, ड्रामा, अभिनय, इत्र, सुगन्धि, सजावट आखों, सिल्क, संगीत का कारक है।
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वस्तुएं
इत्र, सजावट की वस्तुएं, सिल्क संगीत वाद्य यंत्र, ऐश्वर्य के साधन वाहन का प्रतीक है। मीठी वस्तुएं
शरीर के अंग- रति क्रिया के अंग लिंग, मूलाशय, बाल, शुक्र कीटाणु, रोगमधुमेह, रतिज संबधि रोग, गुप्त रोग, यौन असमर्थता, आंखो की कमजोरी, सूंघने की शक्ति कम श्वेत प्रदर वीर्य पात आदि।
यह ब्राह्मण वर्ण, जलतत्व स्त्री लिंग तथा दक्षिण पूर्व का प्रतिनिधि है ।
शनि
जातक रूखे-सूखे बाल लम्बे बड़े अंग बड़े दांत तथा वृद्ध शरीर काला रंग का दिखता है । यह अशुभ ग्रह है । मन्द गति ग्रह है। नैतिक पतन का द्योतक है। वायु सम्बन्धि बिमारियों का प्रतिनिधि है यह दुख, निराशा तथा जुए का प्रतीक है। गन्दे स्थान, अंधेरे स्थानों का कारक ग्रह है।
वस्तुएं
लोहा, नीलम, दाह संस्कार गृहों कब्रिस्तान, जेल, बिस्तरे पर लिटाएं रखना, पुरानी बिमारियाँ लाइलाज बिमारियां, काला चना, भांग, तेल, वृद्ध अवस्था का स्वामी है।
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