Book Title: Saral Jyotish
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 142
________________ फल देता है। श्री के. एन. राव ने श्री डी. एन. दीक्षित के समय शनि के चन्द्रमा से अष्टम गोचर को देखकर तथा अष्टम भाव में 28 से ज्यादा शुभ बिन्दुओं को देखकर ऐसी ही भविष्य वाणी की थी जिससे हम सब चकित रह गये थे। श्री दक्षित के उच्च पद का विचार किया जा रहा था। शनि अष्टम में गोचर कर रहा था। ज्योतिषी उनके पदच्युति की बात कर रहे थे। अष्टम भाव में 36 शुभ बिन्दु थे, दशान्तर दशा तथा तारा शुभ थी। श्री राव ने पद प्राप्ति की बात कही तथा भविष्य वाणी सही हुई। इसलिए शनि का गोचर दशान्तर दशा, तारा तथा अष्टक वर्ग के शुभ विन्दुओं से प्रभावित रहता है। शनि को केवल कष्टकारी मानकर चलना न्याय संगत नही होगा न्याय संगत नहीं होगा। 142

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