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भोगांश
किसी भी आकाशीय पिण्ड का भोगांश, उसका क्रांति वृत पर मेष से प्रथम बिन्दु से कोणीय दूरी होती है।
क्रांति
किसी भी आकाशीय पिण्ड से विषुवत् वृत पर जो लम्बवत् चाप डाला जाएगा उसके द्वारा पृथ्वी के केन्द्र पर जो कोण बनेगा उस कोण को पिंड की क्रांति कहते है।
विषुवांश
आकाशीय पिण्ड से विषुवत् वृत पर लम्बवत् चाप जिस बिन्दु पर मिलता है उस बिन्दु की विषुवत् वृत पर स्थित (सायन) मेष के प्रथम बिन्दु (वसंत संपात बिन्दु) से जो कोणीय दूरी होती है उसे उस पिण्ड का विषुवांश कहते है।
सूर्य की क्रांति में परिवर्तन
वंसत संपात (लगभग 21 मार्च) को सूर्य की क्रान्ति शून्य होती है क्योंकि उस दिन सूर्य विषुवत् वृत पर आ जाता है चित्र 5 में ल बिन्दु बंसत संपात को दर्शाता है। यह बिन्दु सायन पद्धति में ... का प्रथम बिन्दु (शून्य भोगांश बिन्दु) कहलाता है।
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क
22 दिसम्बर
23 सितम्बर
ल 21मार्च
14 21जून
ख
विषुवत् वृत
चित्र 5