Book Title: Saral Jyotish
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 118
________________ केतु 1.मेष राशि में केतु हो तो जातक चंचल, बहुभाषी एवं सुखी होता है। 2.वृष राशि में केतु हो तो जातक दुःखी, निरुद्यमी, आलसी, वाचाल एवं कामुक होता है। 3.मिथुन राशि में केतु हो तो जातक वायुरोग से पीड़ित, अभिमानी सरलता से सन्तुष्ट होने वाला, अल्पायु एवं छोटी सी बात पर क्रोधित हो जाने वाला होता है। 4. कर्क राशि में केतु हो तो जातक वातविकारी, भूतप्रेत पीड़ित एवं दुःखी होता है। 5. सिंह राशि में केतु हो तो जातक बहुभाषी, डरपोक, असहिष्णु, सर्पदशन का भय एवं असन्तोषी होता है। 6. कन्या राशि में केतु हो तो जातक सदारोगी, मूर्ख, मन्दाग्निरोग एवं व्यर्थवादी होता है। 7. तुला राशि में केतु हो तो जातक कुष्ठरोगी, दुःखी, क्रोधी एवं कामी होता है। 8. वृश्चिक राशि में केतु हो तो जातक धूर्त, वाचाल, कुष्ठरोगी, क्रोधी निर्धन एवं व्यसनी होता है। 9. धनु राशि में केतु हो तो जातक चंचल, धूर्त एवं मिथ्यावादी होता है। 10. मकर राशि में केतु हो तो जातक परिश्रमशील, पराक्रमी जन्म स्थान छोड़कर जाने वाला, प्रसिद्ध एवं तेजस्वी होता है। 11.कुम्भ राशि में केतु हो तो जातक दुःखी, कर्णरोगी, भ्रमणशील, व्ययशील एवं साधारण धनी होता है। 12.मीन राशि में केतु हो तो जातक परिश्रमी, धार्मिक प्रवृत्तिवाला, कर्णरोगी, प्रवासी, चंचल और कार्यपरायण होता है। 118

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