Book Title: Saral Jyotish
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 88
________________ 23. Sunrise, Sunset, Entrance of Sun in a Sign, No Moon & Full Moon पाठ-23.सूर्योदय, सूर्यास्त, संक्रान्ति, अमावस्या तथा पूर्णिमा विचार सूर्य उदय किसी निश्चित जगह के पूर्वी क्षितिज (Eartern HariZon) पर जिस समय सूर्य सर्व प्रथम उदय होता दिखता है वह सूर्योदय का समय होता है। सूर्य बिम्ब के ऊपरी हिस्से से निचले हिस्से तक उदय होने में लगभग 6 मिनट का अन्तर होता है। जब सूर्य के बिम्ब का मध्य भाग निश्चित जगह के पूर्वी क्षितिज में होता है (वह क्षण) उस जगह के लिए सूर्योदय समय माना जाता है। सूर्य अस्त इसी तरह किसी निश्चत जगह के लिए पश्चिमी क्षितिज पर जब सूर्य के बिम्ब का मध्य भाग रहता है। वह समय उस जगह के लिए सूर्यास्त का समय माना जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त साधन विधि एफिमेरीज में दिए गए समानुपात आंकड़ो से विधि के द्वारा सूर्योदय-सूर्यास्त के समय की संगणना इस प्रकार करें। 1. सूर्योदय-सूर्योस्त विभिन्न स्थानों पर उनके अंक्षाश अनुसार भिन्न-भिन्न होता है। जिस स्थान का सूर्योदय सूर्यास्त जानना है उस स्थान का अक्षांश नोट करें। 2. (Indain Exphemerier) के पृष्ट नं. 94.95 पर दी गई सूर्योदय– सूर्यास्त तालिका अनुसार उन दो तारीखों को चुनिए जिनमें वह तारीख आती हो जिसका सूर्योदय सूर्यास्त निकालना है इससे दो ऐसे अक्षांशो को चुनिए जिसमें उस स्थान का अक्षांश आता हो जिस निश्चित स्थान का सूर्यास्त–सूर्योदय निकालना है। 3. समानुपात विधि द्वारा सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ज्ञान करें यह समय सूर्य के बिम्ब के ऊपरी भाग के दिखाई देने का औसत समय होगा। सूर्योदय के समय में 3 मिनट जोड़ देने से सूर्य बिम्ब का माध्य भाग सूर्योदय का स्थानीय समय ज्ञात होगा इसी से सूर्यास्त में 3 मिनट घटाना दे जो उपलधि होगी वह सूर्य बिम्ब का माध्य भाग सूर्यास्त का स्थानीय समय होगा। 4.सूर्योदय-सूर्यास्त का भारतीय मानक समय निकालने के लिए निश्चित स्थान के लिए समय संस्कार करें। 88

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