Book Title: Saral Jyotish
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 61
________________ 13-14. Determination of Positions of Planet पाठ- 13-14. ग्रह स्पष्ट कुण्डली निर्माण के इस पाठ में नवग्रहों स्पष्ट अर्थात् रेखांश निकालने की विधि बतायेंगे। नवग्रहों की जन्म समय राशि चक्र में क्या स्थिति थी अर्थात् किस राशि में कितने अंशो पर भ्रमण कर रहे थे ग्रह स्पष्ट से जाना जाता है इसके लिए हम Ephemeris का प्रयोग करेंगे। N. C. Lehri द्वारा बनाई गई Condened Ephemeris में ग्रहों की स्थिति अर्थात् रेखांश प्रातः 5:30 बजे तालिका के रूप में बारहों महीनों की दी गई है जिस वर्ष में जातक का जन्म हो उस वर्ष के ग्रह स्थिति की तालिका खोलकर जन्म समय तक का गणित किया जा सकता है ऐसी तालिका पंचांग में भी उपलब्ध रहती है। उदाहरण: भाव स्पष्ट के गणित के आगे जैसा कि हमने जन्म तारीख 1.2.1969 जन्म समय 20.40 स्थान दिल्ली के अनुसार भाव स्पष्ट किये थे अब ग्रह स्पष्ट करेंगे। Condened Ephemeris में वर्ष 1969 की तालिका पृ. सं. 58, 59, 60, 6162, पर दी गई है पू. सं. 58 में चन्द्र के स्पष्ट रेखांश प्रातः 5:30 बजे के दिये गये हैं। तालिका में तारीख और माह की अनुसार गणित करेंगे। चन्द्र के स्पष्ट रेखांश प्रातः 5:30 बजे 02.2.1969 को = 3रा 13° 28' 01.2.1969 को = 3रा 1°16' " 24 घंटो में (एक दिन में ) चंद्र की चाल = 12°.12' हमने यहां 1 फरवरी और 2 फरवरी को प्रातःकाल चन्द्र की स्थिति इसलिए ली क्योंकि जन्म समय इन दोनों स्थिति का भीतर हुआ है अर्थात् 1 फरवरी प्रातः 5:30 से 2 फरवरी प्रातः 5:30 के मध्य है । क्योंकि जन्म 1 फरवरी प्रातः 5:30 बजे के बाद हुआ है इसलिए यह जानना आवश्यक है कि जन्म प्रातः 5:30 बजे के कितने घंटों बाद हुआ अर्थात् दिये गये समय में से 5 घं. 30 मि. घटा देंगे। जन्म समय घं. मि. 20 40 5 30 61

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