Book Title: Sambodhi 2012 Vol 35
Author(s): J B Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 165
________________ 155 Vol. XXXV, 2012 सोत्र टापु ५२थी प्राप्त गुती शिखामो 155 ९. ता. महमद हसन टांका सारुपराम कराणी १०. शिवानदास सरता( जी) मालजी सोदागर ५ ११. कमालता सदाण महमद वी(वे) पारी ठा. लोहानदास १२. ता (तथा) रवी(वि)दास ता (तथा) शीवसन कीका ता. (तथा) रेवारजी १३. भगा श्रीसामजी - सकलचंद जमले दस १४. अग (अंके) १० कणाजी लश(श्क)कर हां(ना) माणसो १५. १३ स(सि)पाई १३ ठोला २ गोला ४९ जम१६. ले १३ सुतार कादी फकीर १९ जमले १७. माणस ११९ रोज ३६५ ना श्री बहा[-*] १८. दरजी सोदागर सा-आग १९. - - र - वत १८९ - - - २०. - दजी - - अद - - - - - - - पति १-२ : अक्षरो घसायेदा होवाथी 416 ५२।४२ वांयी शायो नथी. अनगठ(ड) = ખરબચડો પથ્થર पंति ४ : नावा = नाविक पंडित ६ : तेहेवाई = त्यो पति ११ : वीपारी (मारी) પંક્તિ ૧૩ : જમલે = બધું મળીને पंलि १४ : हां = न . पंडित. १५ : सिपाही = पोलिस पंक्ति १५ : ठोला = पोलिसनो नानो [ - गोदा - सना४ साई ४२ना२. पति १७ : रोज - हिवस.. શિલાલેખનો સાર : શિલાલેખની મિતિ વિ.સં. ૧૭૨૯, જયેષ્ઠ (જેઠ) સુદિ ર છે. ૨૦ પંક્તિનો આ લેખ ગુજરાતી 'पोउिया' सिपि ओतरेसो छे. આરંભની ૧ થી ૭ પંક્તિના અક્ષરો સળંગ શિરોરેખા સાથે કોતરાયેલા છે. “અ” નો મરોડ ઉત્તર ભારતીય શૈલીનો ત્રિપાંખીયો જોવા મળે છે. અંકચિહ્નો ગુજરાતી લિપિમાં કોતરેલા છે. લેખમાં જણાવ્યા અનુસાર વહાણ દ્વારા મુસાફરી કરીને સિકોતર (સોકોત્રા) ૬૨ દિવસની દરિયાઈ મુસાફરી

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