Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer

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Page 146
________________ SON समाय MERविचालीतर मराहिमवेनकासनीयशियमसपी वर्ष लिवीय मासूर्थसंरयासाननात सजन परिवारसहितकराया सकामा मरुपीमा मक्कन्नई सौगंधिककाम्ने पुत्पत्पननवासीरामदायर द्यपियवासीयरश्न अश्रोतसमाजिरिवठयासीनता सामादिकम परिवाशमानब || बाधाएतरेपलने एवंरुप्पोक्लस्मविबएणमेगस्मगदिमभूरियस्मशवासीतिरमत्यहापरि। सनहीपणिसूझबरमई दृष्टिबापूर्वबामगसनापानमदा पर पोचपकारपूर्वक ही हनीमुना मत्रपरिणतापनिगमणअन्या पणिगलमयमनपरिवार परिक्रमासाश्र्वगतनपक्षमायोग बाइसवनायव्यासी सीमामणि जालिaal ४३लिकासदेपा प्पसूत्रबसकहन।। दारयणने विहिवायरसणंहासीईसुनाई पेत कुसग्रंपरिणतापरिणयं एवंअठासी मुलाणिसारिणय जमदाबईकया मेरुपर्वतधकीचमीजानीपसरसटोमानियकीवर्षसमुअमोहि २३ पासप ममपर्वमा घरमीत विसमाmaaमसहयथामनगावमपर्वतबापक सदस्खविलम्बसबमिलों गोरस wman सहसंयोजमध्यामिकपर्वतमानमा चरमोतधकामराजले भन्यो वाणिजहादी मंदाश्रमापरवरलिमिनाताधरिमामासस्मश्रावासपसरविमिन्नचर एसयासीय महस्त्रया जननबामाईविचालनसका रमधिकंदिविजा निषषपर्वमसबंधिसत्यूत्तर दक्कि गायनलकणतेहप Maदक्षिणमसासापचिमई ब्रायनामारासीमसवनी मामलें यकीयसश्नाकाष्टादिना निसायमान प्रांतरा-जाणिवा कीवर्थ पहिलबमास | ४ बाहिरिमा मंत एसगप्रवासीसिजायणसहरमा प्रवाधानंतर य सुधिदिसामुणेतदनन्तराताणकहता उdi दकिणयमावनाध्या एकसंघीयावासी नामा पहवाघमाणकत्या दिवसभरवद्धिवसन लोसममामलेगयमका कमुना घटामीनारजना नवशधितहनिबुढे सावधारीनई सूर्यचारचम मशसल्पित सरिश्पटमबम्पासंश्रयमाणोयालीसइमेमडलगतेप्रवासीइएकसहिमागमुजातस्मदिवसरदरमणि s Sangstar

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