Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer

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Page 160
________________ कोसलवामामयमासमणीकोका जबाकमा मरवरा नापदिलचकन पांच सधनुषा चपणाम्रा मरुपर्वमयका विधिमक्षकीनी ििलकापीरसईधनुषा चायण रुग्राम माधवशिशिमनी जाणवा कत्या । कोसलिएपंचधणुसयाविज्ञानगंजबासरहहोगयाधानववीधसयालयमोजला सोमशा ध्यायनक्षतसौमनसरगंधमादन वस्मारवक्षस्कारपर्वनमेकपर्वतम पायास अंधाध्य पाँचश्स। गाका विछत्यस मानवरall पास योमन सगंधमादशाविकप्पसमालसावरकारपच्यागा प्रदरपच्यतांगपंधरजायणसयाउहचगपंचना ध्यामिमाति मुघलाश्वकरकार पणिक्षस्कूिटहरिसहरूत्व मापिटालीनबीजाकटपांच सा जान मपणको पर्वतक न गुनिएहविकूटगजदेत नचाचपणकया संधिटसहस्त्रयासमथा। वयसयामावणंयमहासविणवरकाश्ययकडाहारिमरिसकवद्यापंचायणसयानात मूलनविषपांच लांबमण वफलपणापत्रमा सघनाइनेदनबननवलकरजगनमतल नजामात कूद योजन कलाकया। RE मारपणा बननेयरमच्यासन पांचसयोजन नवसमाइलेवाली मूलपंक्षाजायगासयात्रायानविकरणपत्रता सधेविएणदणका बलिकडवद्या पंजायणस बंधाचपणेक मूलनविषशा पाचमसेया लोवपण पिऊलपण साधनाशामकल्पादेव खमाण पछिमायोजना घान॥ जम लोकनाविषम पांच। याणमूलेयरमोथासयात्रायामविरकसेग में सोमम्मीसागसुकणेसुविमाणाधरजाय क कया प Tags :

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