Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer

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Page 170
________________ पाहादागरणाति विवागमुन्नेविधिवाते सकिंतवायरित्रायरिणसमापियहाण प्रादागासरविणयावेण -गणी करीयेयावार्यतारन सजिविकासर्वस्वमा मनागजिविटकामानवनिवाविनामस्वगनक कामतहकदा तरीयपालिकादमा गमवमनगा। समागमा am समवाया विवाहामन्त्रीला वाताधर्म नयनपत्राकवागसात अक्षमायागया DIRUDECall वनीसूत्राघोगमा मम ममममममा सूचगवाएसमवति विपिनी नावाधाकुहा नवामगदसातो गमदसामोअतरोश्वाश्यादसाती कामादिकास पनव्याकरणसूत्रम्पारमउग श्विा मकहताम्रय किताकितना अचारी प्रमाणतपस्वी विरहित श्राचारतकामादिक विनयनेका थि। चमविवि तहमपामगारणावपाकनराममानगा चारवमयूचनाकारणतयाचार गनरवि नल्नानिय निघते प्राचारणाघरसिक्षा मादिकवि केसरने सपारकर्यधपलि राघवानाचरीमाचार वाद्याम्पत हमारणलेधनया फलक मक्षा प्राचारकही तक २६॥ली मकाया मानवि चंक्रमणवपाय पमाणसक्त यागयाजनेतिलख साषा संयत मिश्रा नमागणदिकवि सक्ततिनातनश त्पादनदोषपषणा गवेष महाश्नमिट्यानरपया पानापानादिकमनवम नायूगस्पसमातरणाध्यावाति नापानवलाविणालदणीवनानिमाविम चालदिकमध्यपरिकमा श्मयाजजवाफायमित्यादिकयाचवविवादिका कापारणीननमाan इसमवना व गति गमयधिकमणमायाजाजपनामा ममिति सुतासोवदितनयायवयायएमणाविमोद्धि सक्तपानादिका मूलगु तपश्पक्षमतेवा यह सर्वमुपज्ञास्तसालकह सकहितीने संवैपकी पविष झानाचा३श्रुत दर्नानाचारनिशकि मुगवनत्तयाँका नियम सियाचाशगन विश्वसिधीय आधारेसमा करिकातिक झामविषयका साक्षिरुपयापका। रिश्वधनआधारगुणा तेकदीय हमला लाध्ययनादिक खननयहवन । यावश्कार सामध्यदायणि मावाप्यमञ्चमाछिति समासति चविहातगामाटार दंगणायार धारिवाधारया नपयाचाश्वा बीर्याचारकानाक'माचाशेगय परिसासव्या सावाच संरव्यातायागार संरख्यातीपतियतिमदिक पूचनमाता रूप लेतन प्रयोजन नव नामितियाक्या नासूबाईपदानरूप अनुयोगव्याश्यातहनी पदानुमतांतरपतिपति समिनिजिद करमाइघीयमगीपलका दापक्रमादिकाधा विवा "दोष१६ A परिवायारे तवायरिबारियायोरे अायारमा परितावायणासंखछात्रवगदारा संवेद्यातापवित्राए

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