Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer

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Page 243
________________ कदर तरघरदीर्घ गूढ श्री || दत्तश् श्रीभूति श्रीसोम महामिलन अ६दत ॥ १५ x2 दंतेय ततरदेय रंदीददतेशं प्रददं ते व्याध सिरित्तिएसि स्विती छ मिमि) में य सत्र मे मे मदो मे विमलवाद विपुल वादन ११ निमजवलारिष्ट बारमोने आताच दसीयइनर एहना बारमा चक्रवत्रिबाराही नामा१२ तिकला नालीजानि ॥ नो। स्प १० विपुल वाहचेच रश्श्वार समे ने या गंगे सातर हा दिवा तिमि बारसच इवहीरो बासमपितरे। बारइमातलिस्म बारइस्त्री खतविस्सति ज्ञापइतस्तत्र आता उत्सर्जन व बलदेव न च वासुदेवना होइ पिता हो स्प || लादिस्सं ति बारस मातरों, बारसइवीस्ट पास जंबद्दविदावतार श्रागमे साउ स एवबलदेव वासुदेवपित नच वामदेवन मातादी नदबलदेवना मातालवि नवदसारमेल से स्य। दसाई कहता रजनी ते कहेने जिम र इम स्प॥ स्मति होम्यई ॥ इमकला का देव समुदायान बबल देवानले पुरुष मध्यमपुरुष 1. समूह दोस्र तदवाखदेव मातरोल बलदेवमातरोल एव सरमलाल विमति तंत्रमरिसा म झिम रिमा पदा धान रुची नीलपीत बसून परिहार बिश राम ने बलदेव के सबसे नामकीनंदर नंदि दर्शक मायावती सुदेसाई होई पिता एक माता २०ई तिब रिसा एवं मो देव वा तोरा पियो जावनील गीत गवसावेश्राम केसवा सायरोल व नंदेयर एंड मि 5

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