Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer
View full book text
________________
जणश्यकाररहिया माननमशासनकत्वमबाज भाशध्यासईसंयम जयवासरलाकवलापसिना धानिमा स्वसदासा। जिनशासनाविपक्ष शमशानमनाशामकरणहार मजबश्यामश्लिीबभिनयामतिविलासरलाकमकीपरावाना नराधाशन सर्व बीपी न्हाकासाकहीय। शवलीधर्मनाराधीनममितिविपतिपामा
रकन नकाबामनाममा सोहट्याड़ियसोसणमिशनरभर नासाकारे प्रारदिवासजमायसुरलोरायतिनियनातिति जसासतमिवं इनिणि मिडिओकहियागवधिकषकार क्षिहाकिसरतपयका परीक्षासंरख्यातीवाचनासूबाई प्रदानफूप मानता मुक्तिन्य महाविस्तारकरीक्षकारक तामबम विषकहीयका साथ सरव्यासाव्यागारवपक्रमादिका नासध्या
मकवाना विष३॥ सब रकमोरएमिटाएव मादिश्वविचरेणय गायाधमाकदामुणयरिनामाटाणासखछाबारामार सीसंग्रहणी।
गाईपणयमबगबिक्रतस्कंधा समझोताम्रध्ययनस सयक्षकी बिका पाप्पाकरता मधघनतसं पहिलऋतस्केधनगुणासामध्ययनसदनग मासता
२२७ कद्या यहणी संखछतिसिंगक्षणीतासगाताएएचबच्छदासुनरवानादीसंत्रज्ञटारतिसमातिापविमा सकदंबाहीकधायन वानकीधीत्पादिकाबायकहनासमूह निहोगक विकारनासमूहात्मकम्पयना पाचव्यायिकामा एककमउभसवनही। मघऊमारादिकमरियरूपके जैऋतरकधमत्रोधर्म पपासकोमनी काधमाश्यामानातानवषय सईकमामाख्याथि
बामनवाना हीककल्पितरूपसमुनना कघानावया कारहवीमा पानी पिलावावयेकानामदाहरणस्पा
यककझातान
कहताका नक्यानामि के माककिपी ल झानाजतिस्मै विपत्रधारख्यान
। विषपनालास चरिताधकीयातायट्सधान कदागवनातलगमेगाएधम्मकदाएपचश्चरकाश्यमधारानेगा याश्या पंचपख्यायिकानांसको काकानानविषापहिलादेवाध्ययमालकास्पिाचदाहरणस्पेतमादियाश्या ये काम कश्विनी म ॥ पश्यामापकवावाजायलाकमानहानामवासककनावषवसालासमधपाचवसमारंयायिकएमसीधारतात
काययमिकपोचरसड़ीनपरत्यायकायककाम्यरत्यायिकाईयाई तालीसायलकपीचरसञ्चारमावाजलाचला
(थकम्पश्या यकसर्व मिजायगवास का मिसया नरकापनासमेवबधबारपयेवंविएसमाणाअरकाइयाएपचश्ववररकाशियसयाई गमिगाराजघरकातियाएपश्चारकाइयश्वरकाइयमयाइएका
हिगयासुनस्सपबानघालीनाचली।

Page Navigation
1 ... 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248