Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer
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लाकामिनीसाठसविमानका
सकस पारविमानामवंयवे मभूधिक माहिएकसन पल्पाधिकवेथकन अनुवमानश्याविमान कारहहरखतात्रकन साविमा
पसथमगंशिक सर्वे मिली चलायसन विष
नविमानाका परिववासविमानकया पासटाइ चविणमुकासु६ एकारस्तविधिमा सच्चतरंदाशिमय सामगंनवरिम वाचवणुतरविमा जीयाईरखना जीजावालुकापमा बाधापक पंधीई बधाईन सातभाई यह सामानरकांविषनर समवेतबालिगोतम शिवाय इष्टविधीया
हो साविममा मसाई॥ समतमा कावासामीसंख्यामा नसासमाधिवासुरव वा॥
घसा घामोहिकहावतमकहि रुपानगवतक । जिउदीवायजपाएनवायसवार चलाएमा बही सत्रमा गाहादितारिणयाचा सत्रमा टवार पुछा गाती तमसातमी कलानरसदेखयोजनाबाऊन्यपणा जाम परिवतियनसहे गतल साटांबावन्सर ऊपरिम प्रतिसा नविष
मण समाहि। खयोजना स्त्रया मनप्रवगाही कीमबीवाचना
नमाजवाएकातरजिीटा सटासटरसाबादल्लतिनवरितिवमाजायएसदरमाईचंगादिनावित्र जोजना सवार बगना मध्यवि योजनसहनविष raja सातमीपवाईमारकामापांचवरकरशीलनवर न।।
चास कपाधममा महामरका भागनियमबाबाजानरकावासानधी। इतिवमं जाटागसबसमाइयाछनामशेतिमाजाटारसहसास एलएसनमाजवानिरस्यापतरामह) समाटियनशाघरीजघणुमो धदिना। दक्षिण पश्चिम उतरदिशि पांचम विचम्रपतिष्टानहानरकावासावाटलायंसवित्र टाामहानरकावासा कटान कालममा महाकाल करुकना महारुफक पनामपाचमनपाघम णीयोगमलनरकपाचमाहि॥ करब
मानामा तिमहालयामहानिरमाय त काल महाकाल सते महारोति यतिकापणामपंचायल परयावहाटासाथ
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