Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer

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Page 229
________________ ७INS समस्मपश्मसिस्कारकायरसोयाहि -अादिनानिय माह म्याससाणपरमनीयमयरसश्सवमंजिका सपनाम लाक्षी मलिका विहादेवतायावसुधारामामामासाही। वारकोनिटिवहिताकीदीक्षिक इसमपारण साशा स्वीकारीश्यमावशदव काश्सनमवयन नषाकसामनन लामादा उससस्सएटमतिरकागाटा सहिसिंमितियाए अदिलशाउयटमतिरका वाहियेवसुंधारातो सारखे परमानकहता नाम वीरवहनच्या हत नायकी गहन चावासमतीकलवासा चमकन्यतजाति आदिनाधनान्पोचवमहधिवकेवलज्ञानरमअनुक मध्यनपश्मा कवलझानचपनी तकद मजाणिवा सप्तपर्णशालविवादुपिया करवाना ५बदविहार तरमनीयमा तानवक्षति एतेसिंग चवीसाएतिबकराणंचवीसवेश्यसरकाजाला तनयाहसचिवले सलिपियएपियंमुब प्पामसलत कंपनीर॥ सिशस नाराक्षा माना पालुवकाशदरेर पालि जब अश्वपापस विवाहसि दीदार ११ १२वनिय हिमजा नदि सिरिसयानागरुकेमालीयपीलुरकसरकय र तंजगामलिजन प्रामशेरवलुतविधिवहा नंदीसरने तिलकअाबी नकद चंपारक्षम्य बालक वेलसत बनीतिमाडीक सालक व मानवी प्रवजिनवरना १८ १ २ जाना मानना पस्करविक लज्ञानपना हाईक तिलए अबसरके ऋमिगिय पटाबलियतदा वासिहरकतामाईकरके सलिटाकमाए सचिश्यसरका शमवीसहपषमाणाईचत्पशवजेवईमानस्वा भित्पश्सबदाक ऋणकयनानियापनबवाल विचनानिaal विलिमिलापतिमा बेश्मी मिनट कारिकमासकर काकायतलाकचक गानादिनाम मेगवाणकरत्यष्टक। फटप। अपरिमालश्कबाइलिलाव डिपण बन्नीसंघाचश्यसरकाटयवमाणिहोगायोगो उखन्नोसालसरकलीनिन्नवगाकमाइवेश्य शिम LAA -

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