Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer
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समार्थ
समविदा
दिसतातूरसहति गोवा कार
दिवसमावलिपीयरमेकक्षणमहपिंजरवती गासुन संवनागरानमध्यावासar aean पश्चिमन चमानव श्वनी जगतीपसन्सया-नसशाध्यमहरयानमगांस्कमकपर्व
नयम विनाम माविमनायमानधकी। चाय य एबमदरस्प तरस पश्चिमिस्नातोघरिमंतातागोभूसरमणं श्रीवासयतस्य पचविमिन्नध एसजा मस्खयो मना बाविद्यालयातरम मधिशिक्षिणसमुपमा बनाकर्मनीकातिनी नाणावर ਵਿਚ ਸ੨੧ ਬੇੜੀ। ੧੩ ਜੇ
पदेमणावा
पक्षासामधारधिजनोहरसकरि कही। रिमंतेएसएससाण सोयाणसहस्सारंवाक्षानंतर एवंधनदिसिपिअहंकामशाही सत्र मोहनाभ्रामोधनामक २ मिनाध्यकवीस मानश्वारोहरियणा नामा मागकणां मनास वाध्यममादिवसा गोचायतरायसीमलीया चक्रवराजाधिदिहिमानक्ष!
वलग
मसुम्माना परिजेकश पणवतरपगमीतायात रिसोराटाधानरंतवदट्टीदेसूरणासन्नाणनवाससयारंगा मारक्षकीगृहश्या प्वकासाकय पनितपाध्यमिणसवर्षकारांदीक्षा wिasijमेगणलिशीय समाधिपास पालीदासरवर्षसथुिपालीमामामा क्षिपऊ30 हिमाणममुसमवायः॥मसनननंदनवमपहिली मषलाय योजनानाचा
भूमिथकीपावसध्यानन
ज्ञानभूमिका रवासमक्षेदसिनामसवितागंगारातोडावपतिपय दणाणरमनवरिनातोपरिमंता जमीनिश्वरसहस्सोमनचाति स्त्रयो नमामिमायिक सरस्वनदनवन घरमातवेदस्पनदवाडगवणस्महे हितवरमले निमरुनः होमिर्मक्षनवनकट्या मरूपति बिसहस्वनीकल्यालाघमाक्षिधीमाटे माधय गवनवासममविल्यनवमीताराम लाषय जमकहीयते माहिएक सह नेदमदनमरिनाम चमैतान निपल्या सयाजमश्रवाशाविद्यालयातहकदा मेरुपर्वत सायंगणमहेनरिमंतऋहान जोधणसहस्सामाहारानंतरेय मंदररमणपारस
४ एम

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