Book Title: Sajjanachittvallabh Author(s): Mallishenacharya, Suvidhisagar Maharaj Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal View full book textPage 5
________________ जिनका पापूर्ण मंगल आशीवाद मेरी साधना जीवन का बल है, जिनकी प्रेरणामयी मंगलवाणी, मेरे साहित्यजीवन का सम्बल है. ऐसे अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी, कुमारश्रमण, करुणाकुबेर, वात्सल्यरत्न, भव्यैकबन्धु, ज्ञानध्यान तपोरत, सरस्वती के वरदाात्र, वादीभगज पंचानन, वीतरागमार्ग के पथिक, गुरव के आधार, श्रद्धेय गुरदय के परम पवित्र कर कमलों में प्रस्तुत कृति / सादर समर्पित। समर्पणPage Navigation
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