Book Title: Sabhashya Tattvarthadhigam Sutrani
Author(s): Motilal Laghaji Oswal
Publisher: Motilal Laghaji Oswal

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Page 26
________________ [२४] .. --- ९ २१ ८ १७ १७ ६१. १२५ तन्मध्ये मेहनाभिवृत्तो. ३ ९ [ १६० न देवाः २५१ १२६ तपसा निर्जरा च ९ ३ | १६१ नवचतुर्दश. १२७ तारकाणां चतुर्भागः ४५१ | १६२ नाणोः ५११ १२८ तासु नरकाः ३ २ १६३ नामगोत्रयोविंशतिः १२९ तिर्यग्योनीनां च ३१८ १६४ नामगोत्रयोरष्टौ ८ २० १३० तीव्रमन्दज्ञाताज्ञात. ६ ७ १६५ नामप्रत्यया:० ८ २५ १३१ तृतीयः पीतलेश्यः ४ २ १६६ नामस्थापनाद्रव्य. १ ५ १३२ तेजोवायू० २१४ | १६७ नारकदेवानामुपपातः २ ३५ १३३ तेषां परं परं सुक्ष्मम् २३८१६८ नारकसंमाछनो नपुंसकानि १५० १३४ तेष्वेकत्रि. ३ ६ / १६९ नारकाणां च द्वितीयादिषु ४ ४३ १३५ त्रयस्त्रिंशत्सागरोपमाण्या- १७० नारकतैर्यग्योनमानुषदैवानि ८११ - युष्कस्य ८१८ | १७१ नित्यावस्थितान्यरूपाणि ५ ३ १३६ त्रायस्त्रिंशलोकपाल. ४ ५ १७२ पशभतरलेश्या. १७३ निदानं च ९ ३४ १३७ दर्शनविशुद्धिर्विनयसम्पन्नता०६ २३ ) १७४ निरुपभोगमन्त्यम् २४५ १३८ दर्शनचारित्रमोहनीय० ८१० | १७५ निर्देशस्वामित्व. १३९ दर्शनमोहान्तराययो. ९१४ १७६ निवर्तनानिक्षेप. १४० दश वर्षसहस्राणि ४४. १७७ निवृत्त्युपकरणे. २१७ १४१ दशाष्टपञ्च० १७८ निःशल्यो व्रती १३ १४२ दानादीनाम् ८१४ १७९ निःशीलव्रतत्वं च सर्वेषाम् ६ १९ १४३ दिग्देशानर्थदण्ड ७१६ / १८. निष्कियाणि च १४४ दुःखशोकतापा. ६ १२ / १८१ नृस्थिती परापरे. १४५ दुःखमेव वा ७ ५ १८१ नैगमसंग्रह. १४६ देवाश्चतुर्निकायाः पा १४७ देशसर्वतोऽणुमहती ७ २ १८३ पञ्चनव० १४८ द्रव्याणि जीवाश्च ५ २ | १८४ पञ्चेन्द्रियाणि १४९ द्रव्याश्रया निर्गुणा गुणाः ५४० १८५ परतः परत:। ४४२ १५. द्विनवाष्टादशै. २ २ १८६ परविवाहकरणे. ७ २३ १५१ द्विदिविष्कम्भा:० ३ ८ १८७ परस्परोदीरितदुःखाः १५२ द्विर्धातकीखण्डे ३ १२ / १८८ परस्परोपग्रहो जीवानाम् । १५३ द्विविधानि २१६/ १८९ परात्मनिन्दाप्रशंसे. १५४ द्विविधोऽवधिः १२१ १९. परा पल्योपमम् ४ ४७ १५५ यधिकादिगुणानां तु ५३५ / १९१ परे केवलिनः १९२ परेऽप्रवीचाराः ४१० १५६ धर्माधर्मयोः कृत्स्ने ५१३ १९३ परे मोक्षहेतू ९३० १९४ पीतपद्मशुक्ललेश्या० ४२३ १५७ नक्षत्राणामधम् ४५० | १९५ पीतान्तलेश्याः ४ ७ १५८ न चक्षुरनिन्द्रियाभ्याम् २१९ १९६ पुलाकबकुश. ९४८ १५१ न जघन्यगुणानाम् ५३३ १ १९७ पुष्कराधे च ३१३ . . २१५ 10.

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