Book Title: Ratnakarsuri Krut Panchvisi Jinprabhsuri Krut Aatmnindashtak Hemchandracharya Krut Aatmgarhastava
Author(s): Ratnakarsuri, Jinprabhsuri, Hemchandracharya
Publisher: Balabhai Kakalbhai

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Page 27
________________ ( २६ ) || गाथा १६ मीना बुटा शब्दांना अर्थ. ॥ त्र्यायुः =प्रायुष्य गलति=नाश पामे बे घटं जाय आशु = जलदीथी, शीघ्र न=नथी पापबुद्धिः पापना परिणाम गतं =नाश पामी वयः = जुवानो नो=नहि विषया जिलाषः = विषयोनी इच्छा Lan यत्नः=प्रादर; प्रयत्न च-वली नैषज्यविधौ नसड करवामां न=नहि धर्मे धर्ममां स्वामिन हे स्वामि ! महा = प्रबल; मोटी मोह विडंबना = मोहनी कदर्थना म=मारी प्रायुर्गलत्याशु न पापबुद्धि, र्गतं वयो नो विषयाभिलाषः; यत्नश्च नैषज्यविधौ न धर्मे, स्वामिन्मदा मोहविम्बनामे ॥ १६ ॥ शब्दार्थः — दे स्वामिन् ! मारो मोटो मोहन कदर्थना ते केटल | कदेवी ? मारुं श्रायुष्य जलदीथी घटतुं जाय बे पण पापना परिणाम नथी नाश -

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