Book Title: Prashnavyakaran Sutram
Author(s): Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पांचवा अध्ययन ११३ परिग्रहविरमण का निरूपण ८३५-८४५ ११४ सस्थावर विषयक अपरिग्रह का वर्णन ८४६-८५२ ११५ अकल्पनीय वस्तु का निरूपण ८५३-८६० ११६ कल्पनीय अशनादिक का निरूपण ८६०-८७० ११७ संयताचार पालक की स्थिति का निरूपण ८७१-८८९ ११८ 'निस्पृहा ' नामकी पहली भावना का निरूपण ८९०-९०० ११९ चक्षुरिन्द्रिय संवर' नामकी दूसरी भावना का निरूपण ९०२-९१५ १२० घ्राणेन्द्रियसंवर' नामकी तीसरी भावना का निरूपण ९१६-९२२ १२१ जिहवेन्द्रियसंवर' नामकी चौथी भावना का निरूपण ९२३-९२९ १२२ ' स्पर्शेन्द्रियसंवर' नामकी पांचवी भावना का निरूपण ९३०-९४१ १२३ अध्ययन का उपसंहार ९४२-९४८ १२४ दशमाङ्ग में श्रुतस्कंधादि का निरूपण ९४९१२५ शास्त्रप्रशस्ति ९५०-९५३ -:समाप्तः For Private And Personal Use Only

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