Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Narmadashankar Damodar Shastri
Publisher: Narmadashankar Damodar Shastri

View full book text
Previous | Next

Page 445
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मागधी व्याकरणम्. टीका भाषांतर. अणणाई ए अव्ययो नञ् ( निषेध ) अर्थमा प्रवर्ते श्रण ए अव्यय . सं. चिंतित तेने कगचज क्लीबे सम् मोनु ए सूत्रोथी अणचिन्तिअं एवं रूप थाय. सं. ज्ञा धातु जाणवामा प्रवर्ते तेने शतृशानौ० ज्ञोजाणमुणा पत्री ई प्रत्यय आवी अममुणन्ती एवं रूप थाय. णाई एअव्यय जे.सं.कृ धातुने मिव् प्रत्यय श्रावे पनी तृतीय मिः ऋवर्णस्यात् व्यंजनात् लोकात् पंचमी शतृषु ए सूत्रोथी करेमि एबुं रूप थाय. सं. रोषं तेने शषोःसः क्लीबे सम् मोनु० ए सूत्रोथी रोसं एवं रूप श्राय. तेनो अर्थ एवो थाय के, हुं रोष करतो नथी. ॥ १० ॥ माइंमार्थे ॥१ ॥ माई इति मार्थे प्रयोक्तव्यम् ॥ माझंकाहीथ रोसं माकार्षीद् रोषम् ॥ मूल भाषांतर. माइं ए अव्यय मा ( निषेध ) अर्थमा प्रवर्ते माइं ए अव्यय वे. सं अकार्षीत् तेनुं भूतकाल अर्थमां काही रूप थाय. सं. रोषं तेनुं रोसं रूप थाय. तेनो एवो अर्थ श्राय के रोषने करवो नहीं. ॥ ११ ॥ ॥ढुंढिका॥ माइं अव्यय मार्थ ७१ मा इति निषेधे कृ दिवसाहाही अजूतार्थस्य दिवू स्थाने हि श्रादेशः श्रात्तन्नो नूतनविष्यत्योश्च कृ का काहीश्र रोष- शषोः सः ११ क्लीबे सम् मोनु रोसं रोषं माकार्षीदित्यर्थः ॥११॥ टीका भाषांतर. माइं ए अव्यय निषेध अर्थमा प्रवर्ते सं. कृ धातुने कृदिवसाहाही आत्तनोभूतभविष्यत्योश्च ए सूत्रोथी काहीअ एवं रूप थाय. सं. रोष तेने शषोः सः क्लीवे सूम् मोनु ए सूत्रोथी रोसं एq रूप थाय. तेनो अर्थ एवो ने के रोष करवो नहीं. ॥ ११ ॥ दही निर्वेदे ॥२५॥ हकी इत्यव्ययमतऐव निर्देशात् हाधिक्शब्दादेशो वा निर्वेदे प्रयोक्तव्यम् ॥ हकी हकी दा धाह धाह ॥ १७ ॥ मूल भाषांतर. हद्धी ए अव्यय बे-एथीज एवा निर्देशथी हाधिक शब्दना श्रादेशमां विकटपे प्रवर्ते. सं. हाधिक तेर्नु हची हद्धी एवं रूप थाय. पदे हा धाह धाह एवां रूप पण थाय. ॥ १९ ॥ ॥ ढुंढिका ॥ हळी ११ अव्यय निर्वेद ११ हाधिक हाधिक् असकृत्संज्रमे द्वित्वं अनेन हद्धी श्रादेशः हकीहकी पदेहा ११ श्रव्यय विधा- गतिणु For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477