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पाठ 4
सो=वह (पुरुष) सा-वह (स्त्री)
अहं/हं/अम्मि =मैं, तुमं/तुं/तुह-तुम क्रियाएँ
ठा-ठहरना,
हो-होना
व्हानहाना,
वर्तमानकाल
ठामि
-मैं ठहरता हूँ/ठहरती हूँ।
अम्मि
होमि
=मैं होता हूँ/होती हूँ।
ठासि
=तुम ठहरते हो/ठहरती हो ।
होसि
=तुम होते हो/होती हो।
ठाइ/ठादि
ठाइ/ठादि होइ/होदि होइ/होदि
=वह ठहरता है। =वह ठहरती है। =वह होता है। =वह होती है।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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