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पाठ 2
तुमं/तुं/तुह-तुम क्रियाएँ
हस-हँसना, रूस-रूसना, जीव-जीना
सय=सोना, लुक्क छिपना,
रगच्च =नाचना जग्ग-जागना
वर्तमानकाल
हससि/हससे/हसेसि
= तुम हँसते हो/हँसती हो ।
गच्चसि/गच्चसे णच्चेसि
= तुम नाचते हो/नाचती हो ।
लुक्कसि लुक्कसे/लुक्केसि
= तुम छिपते हो/छिपती हो ।
1. (i) तुमं/तुं/तुह=तुम, मध्यम पुरुष एकवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम) ।
___ (i) अर्धमागधी में तुम, तुं, तुमे का प्रयोग होता है, (पिशल प्रा.भा.व्या. पृष्ठ 617)। 2. (i) वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष एकवचन में 'सि', 'से' प्रत्यय क्रिया में लगते हैं ।
___ 'सि' प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'न' का 'ए' भी हो जाता है ।
(ii) यदि क्रिया के अन्त में 'प्र' नहीं हो तो 'से' प्रत्यय नहीं लगता है, (देखें पाठ 4)। 3. उपर्युक्त सभी क्रियाएं अकर्मक हैं। 4. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तवाच्य में हैं। इनमें कर्ता तुम/तुं/तुह के अनुसार क्रियाओं के
पुरुष और वचन हैं । यहाँ तुम/तुं/तुह मध्यम पुरुष एकवचन है तो क्रियाएं भी मध्यम पुरुष ------- * .
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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