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श्री प्राचीनस्तवनावली . . . ३७ आदि जिन पारण दिने ॥ जिनचंद सूरज सकल चंदन । मृगमदा केशरी करी। प्रह समय सुंदर पार्श्व पूजे, तेहनी धन्यासिरी ॥४८॥
NAGORoom श्री शान्तिनाथ जिनस्तवनं श्री शान्ति जिनेश्वर सोलमारेलाल, शान्ति तणा किरताररे
सोभागी ॥ श्री० ॥ आंकणी ॥ नगर हस्थिीनापुर दीपता रे लाल, जाणे अलख स्वरूप रे सोभागी। राज करे रलियामणो रे लाल ॥ विश्वसेन भूवालरे-सोभागी०।श्री ॥१॥ तसतरुणी रानी अति दीपतारे लाल, अचिरा रूप रसालरे सोभागी ॥ सुख सेजांय पोठ्या थकारे लाल पोढंती आवासरे सोभागी ॥ श्री०॥२॥ गजगति चाले मलकतारे लाल, सुन्दर पियुजीरे पासरे सो० चउदे सुपन्न स्वामी मे लियारे लाल। हुवा हरख अपाररे सो० ॥ च० ॥३॥ हस्ति वृषभ सिंह दीपतारे लाल । लक्ष्मी पुष्पनीमाळरे