Book Title: Prachin Stavanavali
Author(s): Mannalal Mishrilal Chopda
Publisher: Mannalal Mishrilal Chopda

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Page 149
________________ १३४] . . . . श्री प्राचीनस्तवनावली ॥श्री सीमंधर जिन स्तुति ॥ श्री सीमंधर आदि जिनना, जाणो ए सर्व कल्याणजी। च्यवने कल्याण अवतरणे कल्याण, गर्भधारण कल्याणजी ॥ जन्म कल्याण दीक्षाए कल्याण, कंवलज्ञान लल्याणजी। मोक्ष कल्याण जे कल्याण फल जीवने,न होवे ते अकल्याणजी॥१॥ ॥ श्री सिद्धाचल स्तुति ॥ श्रीसिद्धाचले आदिजिन आव्या, पूर्वनवाणु वारजी । अजितशांति चौमासु की, गणधरमुनि परिवारजी ॥ दर्शन पूजन भविजन कीg, देशना अमृत पीधुजी । चौमासे तलाटी देरे जिनदर्शन पूजने नर स्त्री केम निषेधुजी ॥१॥ ॥ २ सिद्धाचल स्तुति ॥ ___ आध्या पूर्वनवाणु आदिजिन, चौमासी अजित शांति कीधीजी । तीर्थ आशातना प्रभावना नष्टकारी, ऋतुवंती पूजा निषेधीजी ॥ सिद्ध गिरि मंदिर दर्शन पूजन, चौमासे सहुने केम

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