Book Title: Paumchariu Part 4 Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 7
________________ माध्यमसे सन्धिका प्रस्ताव, राम द्वारा रावणके प्रस्तावको ठुकरा देना, दूत द्वारा रामको सेनाका वर्णन, दूतकी वापसी, लक्ष्मणकी उसे कड़ी फटकार, दर्पोक्तियाँ, वसन्तका आगमन । नन्दीश्वरकी पूजाका ममारोह ! लंका नगरीमें धार्मिक समारोह। इकहत्तरवी सन्धि २४७-२७३ रावणका शान्तिनाथ जिन मन्दिरमें प्रवेश, नन्दोश्वर पर्वतमें प्रकृतिका सौन्दर्य, विविध क्रीड़ाओंका वर्णन, घरको स्वच्छता और सफ़ाई, शानदार जिनपूजा, शान्तिनाथ जिनालयका वर्णन, रावण द्वारा बहुरूपिणो विद्याकी आराधना के पूर्व जिनेन्द्रका अभिषेक, शान्तिनाथ प्रभुको स्तुति, स्तोत्रपाठ । बहुरूपिणी विद्याकी आराधना । राम-सुग्रीव और हनुमान द्वारा उसमें विघ्न डालना, रावणकी अडिगता । बहत्तरवीं सन्धि २७३-२२५ अंग, अंगदका लंकामें प्रवेश, संकाका वर्णन, रावणके महलका वर्णन, शान्तिनाथ मन्दिर में उनका प्रवेश, रावणके अन्तःपुरमें प्रवेश, जिम भगवान्की वन्दना, रावणको बाधाएँ पहुँचाना, रावणके अन्तःपुरका मायावी प्रदर्शन, रावणको अगिता और बहुरूपिणी विद्याको सिदि । रावण द्वारा, शान्तिनाथ भगवानकी स्तुति । बहुरूपिणी विद्याफे साथ उसका बाहर निकलना । अन्तःपुरको दोमवशा देखकर रावणका क्रोध 1 समारोहके साच रारणका वहाँले प्रस्थान । मन्तःपुरकी यात्राका वर्णन । रावणका अपने घरमें प्रवेश ।Page Navigation
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