Book Title: Pattmahadevi Shatala Part 4
Author(s): C K Nagraj Rao
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 428
________________ मालूम है कि यह नकली है, क्योंकि तुम्हारी अंगूठी तुम्हारे पास है।" "वैसे ही राजधानी को लिख भेजेंगे। मेरी अंगूठी मेरे पास है, अब वहाँ जो है वह नकली है।" "नहीं, बेटी ! अन्न पहले से ही राजधानी में मुझसे और तुमसे द्वेष करनेवाले लोगों को तैयार कर रखा है। ऐसी स्थिति में, तुम्हारी अंगूठी तुम्हारे पास है, और दूसरी वह नकली है, ऐसा लिखोगी तो जाँच कराने का बहाना कर तुम्हें इस षड्यन्त्र में फंसा देंगे। तब तम रानी भी न रह सकोगी और न ही तुम्हारे बेटे का पट्टाभिषेक होगा...और तब यह नामधारी भीख मांगता फिरेगा।" __ "तो क्या करना चाहिए?" " 'हत्यारों का पता लग गया, अच्छा हुआ। मुद्दला हमारी अत्यन्त विश्वसनीय दासी थी। उसकी हत्या से किसे क्या फायदा होगा, सो मालूम नहीं। वहाँ से खबर मिलने पर यहाँ मैंने अपने जेवरों को देखा। ढूँढने पर मेरी अंगूठी का पता नहीं लगा। शायद अन्तःपुर के विश्रामागार के किसी नौकर ने चोरी की है, ऐसा लगता है। यह पता लगाया जा रहा है कि किसने यह चोरी की मेरी अंगूठी को मेरे पास भिजवा दें।' यों एक पत्र लिख भेजो।" "यदि वे भेज दें तब तो ठीक है, नहीं तो क्या होगा?" इतने में बाहर से घण्टी की आवाज सुनाई पड़ी। "कौन है?" लक्ष्मीदेवी ने पूछा। "राजधानी से एक गुप्तचर आया है और उसके साथ यहाँ के एक बड़े अधिकारी भी आये हैं।" द्वार खोलकर दासी ने अन्दर आकर कहा। "वे बाहर बरामदे में बैठे, मैं वहीं आ रही हूँ।" लक्ष्मीदेवी ने कहा। नौकरानी चली गयी। कपड़े बदलकर थोड़ी ही देर में अपने पिता के साथ रानी लक्ष्मीदेवी वहाँ आयो । वहाँ मादिराज को बैठे देख वह अवाक रह गयो । मादिराज ने उठकर रानी को प्रणाम किया। रानी अपनी घबराहट को छिपाते हुए बैठ गयी और बोली, "बैठिए, इतनी दूर की यात्रा । आने की पूर्व-सूचना भी नहीं दी?" उसके स्वर में आश्चर्य और आतंक दोनों का मिश्रण था। "राज्य का काम जहाँ हो, वहाँ जाना ही होगा न? पट्टमहादेवीजी का आदेश था, चला आया।" __ "इतना जरूरी आदेश था?" "हाँ, हमारे गुप्तचरों द्वारा मुद्दला के हत्यारों के न्याय-विचार का निर्णय सन्निधान को बता दिया गया था। खबर भेजने के बाद पट्टमहादेवी से कहा तो उन्होंने एक बात बतायी : 'रानी लक्ष्मीदेवी की अंगूठी को यहाँ रख लेना उचित नहीं। उनकी अंगूठी 432 :: पट्टमहादेवी शान्तला : भाग चार

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