Book Title: Panchsutra Varttikam
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 6
________________ Ve मोक्ष नजीक क्यारे? आसण्णकाल-अवसिन्द्रियस्य जीवरम लरवणं इणमो। विलयसुहेसु ण रज्जड़. गवत्थामनु उज्जमइ ॥ ते जीव नजीकमा माक्षे जनागे छे. विषयनी वासनामां लपेटाय नहीं । क्षणिक इन्द्रियना सुखमां आसक्त ना बने । ज्ञानीनी आज्ञा प्रमाणे कर्म निर्जराना बयथी संयम मार्गे आगठ. वधवा अन्यंत उत्सुकता पूर्वक सथामण करे -श्री उपदेशमाळा गा. २९०. बैराग्यने एकावनारा साधना प्रवचनभक्तिः श्रुतमम्पदद्यमो, व्यतिकरश्च मंविग्नः । वैराग्यमार्ग सद्भाव भावधीस्थैर्यजनवानि ॥ वैराग्यमार्गना प्रशस्त परिणामोने टकाववाना माटे नीचेना त्रण साधनो जरूरी छे. ० शास्त्रो अने शासन उपर अंतग प्रेम . शास्त्रीय ज्ञान मेळवचा माटेनी सक्रियता • विशुद्ध आराधक विवेकी अने निष्ठासंपन्न पुण्यात्माआनी निश्रा. श्री प्रशमरति गा. १८१ ई

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