Book Title: Painnay suttai Part 1
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 12
________________ ग्रन्थानुक्रमः ११-१२ ૧૩–૧૬ १७-१८ २०-६९ ६९-७० 71-136 १-२० गंथसमप्पणं વંથસમર્પણ જ્ઞાનભક્તિની અનુમોદના વડણવીકાર ग्रन्थानुक्रमः પ્રકાશકીય નિવેદન जैन-आगमसंबंधित संक्षिप्त वक्तव्य પ્રસ્તાવના सुद्धिपत्तयविसेसो-शुद्धिपत्रकविशेषः INTRODUCTION विषयानुक्रमः चत्तारिमंगलसुत्तं १. देविंदत्थओ-सिरिइसिवालियथेरविरइओ २. तंदुलवेयालियपइण्णयं ३. चंदावेज्झयं पइण्णयं ४. गणिविजापइण्णयं ५. मरणविभत्तिपइण्णयं-'मरणसमाहि'अवरनामं ६. आउरपच्चक्खाणं [१] ७. महापञ्चक्खाणपइण्णयं इसिभासियाणं संगहणी इसिभासितअत्थाहिगारसंगहणी इसिभासियाई-सिरिपत्तेयबुद्धभासियाई ९. दीवसागरपण्णत्तिसंगहणीगाहाओ १०. संथारगपइण्णयं ११. वीरत्थओ १२. कुसलाणुबंधिअज्झयणं-'चउसरणपइण्णयं 'अवरणामयं सिरि वीरभदायरियविरइयं च ३-३४ ३५-६२ ६३-८९ ९०-९८ ९९-१५२ १६०-६३ १६४-७९ १७८ १८० १८१-२५६ २५७-७९ २८०-९१ २९२-९७ २९८-३०४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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