Book Title: Nitishastra Ke Iitihas Ki Ruprekha Author(s): Henri Sizvik Publisher: Prachya Vidyapeeth View full book textPage 5
________________ नीतिशास्त्र के इतिहास की रूपरेखा/ 03 प्रकाशकीय डॉ. सागरमल जैन आचार शास्त्र के विशेष रुप से भारतीय आचारशास्त्र के अधिकृत विद्वान हैं। उन्होंने हमारे आग्रह पर सिजविक के ग्रन्थ का पूर्व में अत्याधिक परिश्रम पूर्वक यह अनुवाद किया था। अब वे अपने जीवन के 85वें वर्ष में चल रहे हैं, फिर भी जन सामान्य के उपयोग के लिए उनके द्वारा अनुवादित यह ग्रंथ प्रकाशित किया जा रहा है। ग्रन्थ की भाषा प्रवाह युक्त, सरल एवं सुबोध है। हमें आशा है कि दर्शन जगत् इस कृति का अध्ययन कर दर्शन के क्षेत्र में अपने ज्ञान में अभिवृद्धि करेगा। नरेन्द्र जैन सचिव प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर (म.प्र.)Page Navigation
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