Book Title: Nandisutra Mool Path
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Chotelal Yati

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Page 30
________________ [ २८ ] भासासमसेढीओ, सदं जं सुणइ मीसियं सुणइ । वीसेढी पुण सई, सुणेइ नियमा पराघाए ॥८६॥ ईहा अपोह वीमंसा, मग्गणा य गवेसणा। सन्ना सई मई पन्ना, सव्वं आभिणिबोहियं ॥८७॥ से तं आभिणिबोहियनाणपरोक्खं, से तं मइनाणं ॥ सू०॥ ३६॥ से किं तं सुयनाणपरोक्खं ? सुयनाणपरोक्खं चोद्दसविहं पण्णत्तं तंजहा-अक्खरसुयं १ अणक्खरसुयं२ सरिणसुयं ३ असरिणसुयं४ सम्मस्यं५ मिच्छसयं६ साइयं७ अणाइयं८ सपज्जवसियंह अपज्जवसियं १० गमियं ११ अगमियं १२ अंगपविट्ठ १३ अणंगपविलु१४॥सू०॥३७॥ से किं तं अक्खरसयं? अक्खरसुयं तिविहं पण्णत्तं तंजहा-सन्नक्खरं, वंजणक्खरं, लद्धिअक्खरं । से किं तं सन्नक्खरं ? सन्नक्खरं अक्खरस्स संठाणागिई, से त्तं सन्नक्खरं । से किं तं वंजणक्खरं ? वंजणक्खरंअक्खरस्स वंजणाभिलावो, से त्तं वंजणक्खरं । से किं तं लद्धिअक्खरं ? लद्धिअक्खरं अक्खरलद्धियस्स लद्धिअक्खरं समुप्पजइ, तंजहासोइंदिय लद्धिअक्खरं, चक्खिदिय लद्धिअक्खरं, घापिदिय लद्धिअक्खरं, रसणिदिय लद्धिअक्खरं, फासिंदिय लद्धिअक्खरं, नोइंदिय लद्धिअक्खरं, से तं

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