Book Title: Nandisutra Mool Path
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Chotelal Yati
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[ ३८ ]
सयसहस्से पयग्गेणं; संखेजा अक्खररा, अनंता गमा, अनंता पज्जवा, परित्ता तसा, अनंता थावरा, सासयकडनिवद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति, परणविज्जंति, परुविज्जंति, दंसिजंति निदंसिज्जंति, उवदंसिजंति । से एवं आया, एवं नाया, एवं विष्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा श्रघविज्जइ । से त्तं समवाए ४ ॥ ० ॥ ४८ ॥ से किं तं विवाहे ? विवाहे णं जीवा विचहिज्जंति, अजीवा वित्राहिज्जंति, जीवाजीवा विश्राहिजंति, ससमए विहिज्जति, परसमए विद्याहिज्जति, ससमएपरसमए विश्र। हिज्जति, लोए विहिजति, अलोए विना हिज्जति, लोयालोए विहिज्जति, विवाहस्स परिता वायणा, संखिजा अणुओगदारा, संखिज्जा वेढा, संखिज्जा सिलोगा, संखिजाओ निज्जुत्तीचो, संखिजा संगहणीओ, संखिजाओ पडिवत्तीओ, से णं गट्टयाए पंचमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, एगे साइरेगे अज्झणसए, दस उद्देसगसहस्साई समुसगसहस्साईं, छत्तीसं वागरणसहस्साई, दो लक्खा अट्ठासी पयसहस्साइं पयग्गेणं, संखिजा अक्खरा, अणता गमा, अणता पज्जवा, परिता तसा, अनंता थावरा, सासयकडनिबद्ध निकाइया जिणपण्णत्ता

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