Book Title: Nandisutra Mool Path
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Chotelal Yati

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Page 32
________________ [ ३० ] सुयं जं इमं अरहंतेहिं भगवंतेहिं उप्पण्णनाणदंसणधरेहिं तेलुकनिरिक्खियमहियपूइएहिं तीयपडुप्पगणमणागयजाणएहिं सव्वगाहिं सव्वदरिसीहिं पणीयं दुवालसंगं गणिपिडगं, तंजहा-आयारो? सूयगडो२ ठाणं ३ समवाओ४ विवाहपण्णत्ती५ नायाधम्मकहाओ६ उवासगदसानो ७ अंतगडदसाओ८ अणुत्तरोववाइयदसामोह पबहावागर णाई १० विवागसुयं ११ दिहिवाओ १२, इच्चेयं दुवालसंगं गणिपिडगं चोदसपुस्विस्स सम्मसुयं, अभिएणदसपुस्विस्स सम्ममुयं, तेण परं भिण्णेसु भयणा, से त्तं सम्मसुयं ।। सू०४०॥ से किं तं मिच्छासुयं ? मिच्छासुयं जं इमं अण्णाणिएहिं मिच्छादिट्ठिएहिं सच्छंदबुद्धिमइविगप्पियं, तंजहा-भारहं, रामायणं, भीमासुरुक्खं, कोडिल्लयं, सगडभदियारो, खोड (घोडग) मुहं, कप्पासियं, नागसुहुमं, कणगसत्तरी, वइसेखियं, बुद्धवयणं, तेरासियं, काविलियं, लोगाययं, सद्वितंतं, माढरं, पुराणं, वागरणं, भागवयं, पायंजली, पुस्सदेवयं, लेहं, गणियं, सउणरुयं, नाडयाई, अहवा बावत्तरिकलाओ, चत्तारि य वेया संगोवंगा, एयाई मिच्छदिहिस्स मिच्छत्तपरिग्गहियाई मिच्छासुयं, एयाई चेव सम्मदिहिस्स सम्मत्त

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