Book Title: Nandi Sutra
Author(s): Parasmuni
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 277
________________ २६० नन्दी सूत्र *** उत्तर - मनुष्यश्रेणिका परिकर्म के चौदह भेद हैं। वे इस प्रकार हैं - १. मातृका पद २. एकार्थिक पद ३. अर्थ पद ४. पृथक् आकाश पद ५. केतुभूत ६. राशिबद्ध ७. एक गुण ८. द्विगुण ९. त्रि-गुण १०. केतुभूत ११. प्रतिग्रह १२. संसार प्रतिग्रह १३. नन्दावर्त १४. मनुष्य आवर्त। यह मनुष्य श्रेणिका परिकर्म है। (चौदहवें भेद में ही नामान्तर है।) से किं तं पुटुसेणियापरिकम्मे? पुटुसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ पाढोआगासपयाई २. केउभूयं ३. रासिबद्धं ४. एगगुणं ५. दुगुणं ६. तिगुणं ७. केउभूयं ८. पडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. णंदावत्तं ११. पुट्ठावत्तं। से त्तं पुटुसेणियापरिकम्मे। प्रश्न - वह पृष्टश्रेणिका परिकर्म क्या है? उत्तर - पृष्टश्रेणिका परिकर्म के ११ भेद हैं। वे इस प्रकार हैं - १. पृथक् आकाश पद २. केतुभूत ३. राशिबद्ध ४. एक-गुण ५. द्वि-गुण ६. त्रि-गुण ७. केतुभूत ८. प्रतिग्रह ९. संसार प्रतिग्रह १०. नन्दावर्त और ११. पृष्ट आवर्त। यह पृष्टश्रेणिका परिकर्म है (चौदहवें भेद में नामान्तर है तथा प्रथम तीन भेद नहीं हैं।) से किं तं ओगाढसेणियापरिकम्मे? ओगाढसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तं जहा-१. पाढोआगासपयाई २. केउभूयं ३. रासिबद्धं ४. एगगुणं ५. दुगुणं ६. तिगुणं ७. केउभूयं ८. पडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. णंदावत्तं ११. ओगाढावत्तं। से त्तं ओगाढसेणियापरिकम्मे। प्रश्न - वह अवगाढ़श्रेणिका परिकर्म क्या है? उत्तर - अवगाढ़श्रेणिका परिकर्म के ११ भेद हैं। वे इस प्रकार हैं - १. पृथक् आकाशपद २. केतुभूत ३. राशिबद्ध ४. एक-गुण ५. द्वि-गुण ६. त्रि-गुण ७. केतुभूत ८. प्रतिग्रह ९. संसार प्रतिग्रह १०. नन्दावर्त और ११. अवगाढ़ आवर्त। यह अवगाढ़श्रेणिका परिकर्म है। (११ वें भेद में नामान्तर है, शेष नाम समान है।) से किं तं उवसंपज्जणसेणियापरिकम्मे? उपसंपज्जणसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तं जहा-१. पाढोआगासपयाइं २. केउभूयं ३. रासिबद्धं ४. एगगुणं ५. दुगुणं ६. तिगुणं ७. केउभूयं ८. पडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. णंदावत्तं ११. उवसंपज्जणावत्तं। से त्तं उवसंपजणसेणियापरिकम्मे। प्रश्न - वह उपसंपादन-श्रेणिका परिकर्म क्या है ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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