Book Title: Naishadhiya Charitam 03
Author(s): Mohandev Pant
Publisher: Motilal Banarsidass
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________________ नवमः सर्गः टिहरी-पुरिजनिमवाप्य, साम्प्रतं देहरादूने कृतवसतिः / सीतागर्भोद्भूतः पंडितवर-श्रीजयदेव-तनूजन्मा // 1 // महामहोपाध्यायात्, गुरुवरश्रीगिरिधरशर्मचतुर्वेदात् / लवपुर-जयपुर-पुर्योरधिगत - तत्तद्विषयक-शिक्षादीक्षः // 2 // भूतपूर्व-प्राचार्योऽम्बाला एस० डी० संस्कृत-कालेजस्य / मोहनदेवः पन्तः, मेघदूतप्रभृतिकाव्यटीकाकारः // 3 // षट्सप्तत्यधिककोनविंशशतखीष्टान्दस्य परे भागे। निरमात् 'छात्रतोषिणीम्', श्रीहर्षरचितनैषधीयचरितस्य // 4 // मानवज्ञानमपूर्ण त्रुटयः स्वभावतः समापतन्त्येव / क्षमापरा विद्वांसः, क्षमिष्यन्तीति तान नतशिरसा प्रणुमः // 5 //

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