Book Title: Naishadhiya Charitam 03
Author(s): Mohandev Pant
Publisher: Motilal Banarsidass

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Page 589
________________ 586 सेयं मृदु कौसुम० (7 / 28) सेयमुच्चतरता (5 / 104) सोमाय कुप्यन्निव (8174) स्तनद्वये तन्वि (3 / 118) स्तनावटे चन्दन० (780) स्तुती मघोन० (6 / 91) स्त्रिया मया वाग्मिषु (9 / 37) स्थितस्य रात्रावधि (3 / 108) स्थितिशालि० (2 / 98) स्पर्श तमस्याधिग० (6 / 52) स्पर्शातिहर्षा 0 (653) स्फुटति हारमणी (4 / 109) स्फुटत्यदः किं (9 / 125) स्फुटोत्पलाभ्यां (985) स्फुरखनुनिस्वन० (1 / 9) स्मरकृतां हृदयस्य (4 / 16) नैषधीयचरिते स्मर नृशंसतम (4 / 86) स्मरमुखं हरनेत्र (4 / 73) स्मररिपोरिव (487) स्मरवराहति० (49) स्मरसखो रुचिभिः (4 / 66) स्मर स मदुरितः (4 / 95) स्मरस्य कीत्येष (879) स्मरहुताशन० (4 / 29) स्मरात्परासो (1136) स्मरार्धचन्द्रेषु० (1184) स्मराशुगी भूय (6 / 67) स्मरेण निस्तक्ष्य (3 / 109) स्मरेषुमायं सहसे (9 / 110) स्मरोपतप्तोऽपि (1150) स्मारं ज्वरं घोर (3 / 111)

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