Book Title: Mudra Vignan
Author(s): Nilam P Sanghvi
Publisher: Pradip Sanghvi

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Page 14
________________ १.५ बोधिसत्त्व ज्ञान मुद्रा : बोधिसत्त्व ज्ञानमुद्रा करने के लिए पहले दाहिने हाथ से ज्ञानमुद्रा करके हृदय के पास रखकर, उसके ऊपर बायें हाथ से ज्ञानमुद्रा करके इस तरह से रखें कि दोनों हाथों के अंगूठे और तर्जनी एक दूसरे को मिले । लाभ : ज्ञानमुद्रा के सभी फायदे के उपरांत ध्यान करने में प्रगति होती है और साधक को अपनी साधनानुसार ज्योतिकेन्द्र (ललाटके मध्यभाग) पर श्वेत प्रकाश दिखाई देता है। विशेष : यह सभी ज्ञानमुद्राएं लम्बे समय तक कर सकते हैं । कम से कम १५ मिनट करनी चाहिए और परिणाम जल्दी चाहिए तो नियमित रुप से ४८ मिनट करनी चाहिए। ज्ञानमुद्रा से ग्रंथिओं के स्त्राव संतुलित होते हैं और इसीलिए भाव परिवर्तन होता है और स्वभाव परिवर्तन भी होता है ।

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