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मेरी मेवाडयात्रा लिये आश्रम के कार्यकर्ता उत्सुक रहते हैं। साधु-सन्तों की सेवा के लिये भी ये दोनों विद्वान् वैद्य तैयार रहते हैं। सेवाश्रम का कार्य दिनप्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अभी तो आश्रमने अपना स्वतन्त्र प्रेस भी किया है।
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