________________
मेरी मेवाड़ यात्रा पांच तीर्थ मेवाड़ में प्रसिद्ध हैं । ये तीर्थ इतने अधिक बड़े बड़े हैं, कि जहां लाखों की आय तथा लाखों का व्यय प्रतिवर्ष होता है। राज्य ने, इस प्रकार के तीर्थों की व्यवस्था करने के लिये, खास तौर पर एक स्पेशल डिपार्टमेण्ट बना रक्खा है । इस डिपार्टमेण्ट का नाम देवस्थान है । इस देवस्थान डिपार्टमेण्ट के सब से बडे ऑफीसर 'देवस्थान-हाकिम' कहे जाते हैं। आज कल 'देवस्थान-हाकिम' के पद पर श्रीयुत मथुरानाथजी साहब हैं । 'देवस्थान ' डिपार्टमेण्ट की देखरेख में, हिन्दुओ के पांच तीर्थ-एकलिंगजी, नाथद्वारा, कांकरोली, चारभुजाजी, और रुपनारायण हैं । त्यों ही, श्री केशरियाजी ( ऋषभदेवजी ) तीर्थ भी है । हिन्दुओं के इन पांचों तीर्थों का संक्षिप्त परिचय यों है
१. एकलिंगजी उदयपुर से लगभग १३-१४ मील पर उत्तर में दो पहाड़ों के बीच में यह तीर्थ बना हुआ है । जिस ग्राम में यह मन्दिर बना हुआ है, उस गाम को कैलाशपुरी कहते हैं। एकलिंगजी महाराणाओं के इष्टदेव हैं। यहाँ तक कि मेवाड़ के राजा तो एकलिंगजी माने जाते हैं, और महाराणा दीवान समजे जाते हैं । कहा जाता है कि यह मन्दिर पहले बापा रावल ने बनवाया था। मुसलमानों के हुमले में टूट जाने के पश्चात् , महाराणा मोकल ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था । किन्तु बारीकी से जाँच करने पर, एकलिंगनी का मन्दिर किसी समय जैन मन्दिर
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com