Book Title: Mahavira ki Bodh Kathaye Diwakar Chitrakatha 005 Author(s): Pushkar Muni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 7
________________ भगवान महावीर की बोध कथाएँ पूरे चार वर्ष बीतने के बाद धन्ना को पुरानी बात स्मरण हो आई। も पुनः उसी प्रकार समारोह का आयोजन किया गया। भोजन आदि के उपरान्त धन्ना ने अपनी चारों बहुओं को परिजनों के सम्मुख बुलाकर पूछा & Jain Education International मैंने चार वर्ष पूर्व धान के पांच-पाँच दाने आप सबको दिये थे। वे दाने मुझे आज वापस चाहिये। ससुर की बात सुनकर बड़ी बहू भीतर भण्डार में गई और धान के पांच दाने लाकर उन्हें दे दिये। दाने देखकर धन्ना ने पूछा Creat अब मुझे उस परीक्षा का परिणाम जानना चाहिये। 5 For Private & Personal Use Only Dire ६ 8 पुत्री! क्या सचमुच यह वही दाने हैं, जो मैंने तुम्हें दिये थे? લ 2Page Navigation
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