Book Title: Mahavira ki Bodh Kathaye Diwakar Chitrakatha 005
Author(s): Pushkar Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 11
________________ भगवान महावीर की बोध कथाएँ इस तरह अपनी योग्यता अनुसार कार्य पाकर बहुयें, घर को कुशलता पूर्वक चलाने लगी, और सब मिल जुलकर आनन्द पूर्वक रहने लगे। 100 668 कथा सुनाकर भगवान महावीर अपने शिष्यों को उसका मर्म समझाते हैं। MH श्रोताओ ! जो मनुष्य अपने कार्य और । जिम्मेदारियों को ठीक तरह से समझ कर उन्हें योग्यता पूर्वक निभाता है,अपने व्रत नियमों का यथोचित संरक्षण एवं विकास करता है। उसे संसार में सफलताऔर सम्मान प्राप्त होता है। traa समाप्त Jain Education International For 9 ज्ञाता धर्म कथा सुत्र अध्याय & Personal Use Only

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