Book Title: Mahavira ki Bodh Kathaye Diwakar Chitrakatha 005
Author(s): Pushkar Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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भगवान महावीर की बोध कथाएँ
सबसे छोटी बहु रोहिणी को मैं गृह संचालन की पूर्ण जिम्मेदारी देता हूँ। इस गृह की वह स्वामिनी होगी। अपने परिवार की सुख-समृद्धि का विस्तार
करने की कला में यह निपुण है।
मेटी दूसरी पुत्र वधू रक्षिका को, मैं घर की चल-अचल सम्पत्ती की रक्षा का दायित्व सौंपता हूँ। वह वस्तुओं को सम्भाल कर रखने
में कुशल है।
भोगवती को परिवार के खानपान, रसोई आदि व्यवस्था) का पूरा दायित्व दिया जाता है। खाद्य विभाग उसी के
THE जिम्मे रहेगा।
और सबसे बड़ी बहु उम्झिका को घर की सफाई और स्वच्छता का काम सौंपा जाता है। वह घर की सफाई का ध्यान रखेगी क्योंकि वह) कूड़ा-कचरा फेंकने की कला में होशियार है।
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