Book Title: Mahavira ki Bodh Kathaye Diwakar Chitrakatha 005
Author(s): Pushkar Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 38
________________ महामहिम राष्ट्रपति डा. शंकरदयालमी शर्मा द्वारा दिवाकर प्रकाशन के सचित्र प्रकाशनों की प्रशंसा राष्ट्रपति महोदय को अपने विशिष्ट प्रकाशन भेंट करते हुए श्रीचन्द सुराना 'सरस' तथा दिवाकर चित्रकथा के प्रकाशक संजय सुराना आदि दिनांक 22 दिसम्बर 1994 को पूर्वान्ह में राष्ट्रपति भवन के मार्निंग हाल में भारत के राष्ट्रपति महोदय डा. शंकरदयालजी शर्मा से दिवाकर प्रकाशन, आगरा के संस्थापक प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीचन्द सुराना 'सरस' तथा दिवाकर चित्रकथा के प्रकाशक संजय सुराना आदि विशिष्ट व्यक्तियों ने मुलाकात की तथा भक्तामर स्तोत्र, सचित्र णमोकार महामंत्र आदि अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशिष्ट प्रकाशनों का सैट भेंट किया। श्री संजय सुराना ने दिवाकर चित्रकथा की प्रकाशित पुस्तकें भेंट की। इन सुन्दर और नयनाभिराम प्रकाशनों को भावविभोर होकर राष्ट्रपति महोदय: बहुत देर तक देखते रहे। फिर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा-इस प्रकार के उत्कृष्ट साहित्य की आज बहुत जरूरत है। मेरे पिताजी के पास भी अनेक व्यक्ति भक्तामर स्तोत्र पढ़ने के लिए आते थे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा महिला कांग्रेस की अध्यक्षा कुमारी गिरिजा व्यास ने श्रीचन्द सुराना की साहित्य सेवाओं 2 के विषय में राष्ट्रपतिजी को परिचय दिया। राष्ट्रपति महोदय द्वारा समागत अतिथियों का भारतीय संस्कृति के अनुरूप सुन्दर आतिथ्य-सत्कार किया गया।

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