Book Title: Mahavira ki Bodh Kathaye Diwakar Chitrakatha 005
Author(s): Pushkar Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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एक बात : आपसे भी......
भगवान महावीर ने मनुष्य को सुख, शान्ति और आनन्दपूर्वक जीने के लिए जो मार्गदर्शक सूत्र दिये हैं, उनमें कुछ मुख्य सूत्र हैं-सद्ज्ञान, सद्-संस्कार और सदाचार ! ज्ञान सबका आधार है, ज्ञान प्राप्त होने पर ही मनुष्य के जीवन में संस्कार और सदाचार का प्रकाश फैलता है। इसलिए सबसे पहली बात है, हम अपनी संस्कृति, धर्म और इतिहास से जीवन्त सम्पर्क बनायें । उनका अध्ययन करें और फिर अपने परिवार को, युवकों, किशोरों और बालकों को ऐसा संस्कार निर्माणकारी साहित्य देवें, जो पढ़ने में रुचिकर, शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक भी हो।
हम इसी प्रकार का रुचिकर, सरल मनोरंजन से भरपूर और जैनधर्म एवं संस्कृति से सीधा सम्बन्ध जोड़ने वाला साहित्य आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं-"दिवाकर चित्रकथा" के रूप में !
जैन साहित्य के अक्षय कथा भण्डार में से चुन-चुनकर सबके लिए उपयोगी, पठनीय और रुचिकर कथाओं का चित्रमय प्रस्तुतीकरण, आपके लिए, आपके समस्त परिवार के लिए प्रस्तुत है।
इन चित्रकथाओं को हिन्दी भाषा के साथ ही विदेशों में बसे लाखों जैनों के लिए अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत करने में हमारा सहयोग कर रहे हैं- JAINA (USA) तथा महावीर सेवा ट्रस्ट - बम्बई ।
हमें विश्वास है ये चित्रकथाएँ आपको पसन्द आयेंगी। जब आपको पसन्द हैं, तो फिर इसके वार्षिक सदस्य बनने में विलम्ब क्यों ? और अपनी पसन्द की लाभकारी योजना से अपने मित्रों, परिवारजनों को भी अवश्य जोड़िए ! वार्षिक सदस्यता फार्म भरकर शीघ्र ही भेजें।
सेवाभावी प्रचारक तथा कमीशन पर कार्य करने वाले परिश्रमी प्रचारक बन्धु भी सम्पर्क करें। धर्मलाभ के साथ अर्थ का लाभ भी मिलेगा।
जैन धर्म, संस्कृति और इतिहास के साथ सम्पर्क बनाइए मनोरंजन के साथ-साथ अपना ज्ञान भी बढ़ाइए !
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(अब तक प्रकाशित) चित्रमय कथाएँ
● क्षमादान
• णमोकार मंत्र के चमत्कार भगवान महावीर की बोध कथाएँ बुद्धि निधान अभयकुमार
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भगवान ऋषभदेव • चिन्तामणि पार्श्वनाथ राजकुमारी चन्दनबाला
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