Book Title: Mahabali Hanuman Author(s): Rekha Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 5
________________ राजा महेन्द्र के एक पुत्री थी-अंजना। वह अत्यंत सुन्दर थी। YEHIYA एक दिन दरबार में...... राजा महेन्द्र चिंतित था। सभासदों ! आप जानते हैं कि महाराज, लंकापति रावण या माता-पिता की सबसे बड़ी चिन्ता उसके पुत्र मेघराज या इंद्रजीत होती है, पुत्री का विवाह । मुझे योग्य वर हो सकते हैं। अंजना के लिए योग्य वर बताइए। मंत्री अमरनाथ का सुझाव ठीक नहीं है महाराज! रावण की पटरानी मंदोदरी है। उसके बेटे भी अंजना के योग्य नही है। नहीं महाराज ! वह तो अठारहवें वर्ष में वैराग्य ले लेगा। वह अंजना बेटी के लिए योग्य वर नहीं हो सकता। मेरा सुझाव है कि आदित्यपुर के राजा प्राह्लाद का पुत्र वायुकुमार, अंजना बेटी के लिए सर्वोत्तम योग्य वर होगा। महाराज! कनकपुर के राजा हिरण्यप्रभ के पुत्र सौदामिनीप्रभ से अंजना बेटी का ब्याह उत्तम रहेगा। | हां ! यह सुझाव हमें भी उत्तम लगता है। जैन चित्रकथाPage Navigation
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