Book Title: Mahabali Hanuman
Author(s): Rekha Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 25
________________ अब हनूमान जी पुष्पक उपवन में आए। यहां उपवन के रखवाले राक्षसों से उन्होंने युद्ध कर उन्हें पराजित किया। IILJIY ANDANAND यह सुन रावण क्रोध से भर उठा। हनूमान का इतना साहस कि मेरा मायावी यंत्रतोड़ कर लंकापुरी में उपद्रव मचा रहा है। मेघनाद और इन्द्रजीत ! तुम दोनों जाओ और हनूमान को पकड़ लाओ। महाराज! जैन चित्रकथा 23

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