Book Title: Mahabali Hanuman
Author(s): Rekha Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 22
________________ हनूमान जी त्रिकूटाचल पर पहुंचे। वहां उन्होंने एक दुष्प्रवेश किला देखा । उसमें महाभयानक सों के बीच एक पुतली बैठी थी। विष के धुएं से अंधकार छा रहा था। यदि कोई मनुष्य उनके निकट जाता तो वे सर्प उसे निगल जाते। मैं इस माया यंत्र को तोड़गा। पहले इस मायामयी पुतली के मुख में प्रवेश करता हूँ। OOOCH PATA Thh । -Jamuilund CredieKG और वह मायावी महल नष्ट हो गया । तब वजमुख नामक योद्धा उनसे लड़ने आया। उसे भी उन्होंने मार गिराया। यह देख वजमुख की बेटी लंकासुंदरी हनुमान जी से युद्ध करने आयी। किन्तु वह उनके कामबाण से हार गयी और हनूमान जी से उसने विवाह कर लिया। महाबली हनूमान 20

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