Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi Part 01
Author(s): Vishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
Publisher: Motilal Banrassidas Pvt Ltd
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३८२
प्रयोगाः
कारकः- करनेवाला ।
कर्त्ता -
33
सू० ७८५
सू०७८६
नन्दनः - श्रानन्द करनेवाला ।
ही - ग्रहण करनेवाला ।
स्थायी - स्थायी ।
मन्त्री - मन्त्री |
गृहम् - घर |
बुधः - पण्डित |
कृशः - कृश ।
ज्ञः-प्राज्ञ ।
प्रियः--प्रिय ।
किरः -- फेंकनेवाला ।
सू०७८७
प्राज्ञः -- पण्डित । सुग्लः - घृणी ।
भाषार्थः
सू०७८८
सू० ७८६
सू० ७६०
कुम्भकारः- कुम्हार ।
सू० ७९१
गोदः -- गोदानी ।
धनदः--धनदानी ।
लघुसिद्धान्तकौमुधाम्
अथ पूर्वकृदन्तप्रयोगसंग्रहः प्रयोगाः मी:- पर्वत ।
कुधः - "
कम्बलदः--कम्बलदानी | गोसन्दायः--गोदानी । मूलविभुजः - रथ ।
ad
कुरुचरः-- कुरुचर ।
भाषार्थः
भिक्षाचरः-- भिक्षु | सेनाचरः- सैनिक |
७६२
सू० ७६३
श्रादायचरः--लेकर घूमनेवाला ।
सू० ७६५
यशस्करी - ( यश को सम्पन्न करनेवाली )
विद्या |
श्राद्धकरः - श्राद्ध करनेवाला ।
वचनकरः - श्राज्ञापालक ।
सू० ७६७ जनमेजयः-- राजा जनमेजय ।
सू० ७६८ प्रियंवदः -- मीठा बोलनेवाला ।
वशंवदः -- श्रधीनभाषी ।
सू० ८०० सुशर्मा - सुन्दर काटनेवाला । प्रातरित्वा -- प्रातर्यायी ।
सू० ८०१ विजावा - अनेक रूप में होनेवाली ।
वावा- पाप से हटने वाली (ब्राह्मणी )
रीट--हिंसक रेट-हिंसक । सुगरण - गणितज्ञ ।
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