Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi Part 01
Author(s): Vishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
Publisher: Motilal Banrassidas Pvt Ltd

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Page 439
________________ लघुसिद्धान्तकौमुद्याम् पाशुपतम् , राष्ट्रियः, सामाजिकः, सभ्यः, ब्रह्मीभवति । सन् १९५० १-शिवेहि, षण्णाम् , उत्थानम् , षट्त्सन्तः, देवा इह, इनमें सन्धिच्छेद कर विशेष सूत्रों से सिद्ध करो। २-पूर्वत्रासिद्धम् । यचि भम् । ख्यत्यात्परस्य । ऋन्नेभ्यो ङीप् । त्यदादीनामः, इन सूत्रों के अर्थ लिखकर उदाहरण दो। ३–सत्यै, क्रोष्टुः, अस्थनां, तव, विदुषा, इन प्रयोगों की सिद्धि विशेष सूत्रों से करो। ४-पा, एध् , व्यध् , भृञ् , रुध् , लू, चुर, इन धातुओं के लिट् और लुङ् में केवल उत्तम पुरुष के रूप लिखो। १५ ५-आतीत् , अधुक्षत् , एधि, कुरु, लुनीहि, बुभूषति, राजीयति, इन प्रयोगों की विशेष सूत्रों से सिद्धि करो। ६-कारक का क्या अर्थ है ? वे कितने हैं ? उनमें से कर्म, करण, सम्प्रदान, अधि करण के स्वरूप अपनी भाषा में लिखकर उदाहरण दो । -समास का क्या अर्थ है ? वे कितने हैं ? उनके नाम लिखकर अव्ययीभाव, तत्पुरुष, बहुव्रीहि, द्वन्द्व का लक्षण अपनी भाषा में लिखकर उदाहरण दो। १० -वाहीकः, दाक्षिः, पाण्ड्यः, इहत्यः, तुल्यम् , सूत्रनिर्देश करके किस अर्थ में क्या तद्धित प्रत्यय हुआ है लिखो। ५-त्रिलोकी, मृद्वी, सूर्या, युवतिः, हिमानी, सूत्रनिर्देशपूर्वक इन प्रयोगों में स्त्री प्रलय लिखो। काशीस्थराजकीय सं० पाठशालीयप्रथमपरीक्षाव्याकरणप्रश्नाः १९५३ १- सवर्णमंशास्त्रं घिसंज्ञासूत्रञ्च सार्थमुल्लिख्य, य, म, श, अ, वर्णेषु कयोरपि द्वयोः स्थानमाभ्यन्तरप्रयत्नञ्च लिखत । २-ठोधा. प्रार्छति, गवाग्रम् , एतन्मुरारिः, उत्थानम् , सन्नच्युतः, शिवो वन्द्यः, स हरिः, हरी रम्यः एतेषु पञ्चानां साधुत्वं विधाय, कबी+आगतौ इत्यत्र सन्धी किं रूपम् इति सप्रमाणं लिखत ।

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