Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi Part 01
Author(s): Vishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
Publisher: Motilal Banrassidas Pvt Ltd

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Page 420
________________ परिशिष्टम् ३६५ प्रयोगाः भाषार्थः प्रयोगाः भाषार्थः सू० १०८० स० १०६१ मध्यमः-मध्य में होनेवाला। दन्त्यम्-दाँतों में होनेवाला। स० १०८१ कराव्यम्-कण्ठ में होनेवाला। कालिकम-समय पर होनेवाला । आध्यात्मिकम्-आत्मा में होनेवाला । मासिकम्-मास में होनेवाला। सू० १०६२ सांवत्सरिकम्-वर्ष में होनेवाला। आधिदैविकम्-देवों में होनेवाला। सायम्प्रातिकः-सायं प्रातः होनेवाला। आधिभौतिकम्-भूतों में , । पौनापुनिकम्-बार बार होनेवाला। ऐहलौकिकम्-इस लोक में ,, । स० १०८२ पारलौकिकम्-परलोक में , । प्रावृषेण्यः–वषा ऋतु में होनेवाला । सू. १०६३ . सू०१०८३ जिह्वामूलीयम्-जिह्वामूल में होनेवाला । सायन्तनम्-शाम को होनेवाला। अङ्गुलीयम्-अंगूठी। चिरन्तनम्-पुराना। स० १०६४ प्राहेतनम्-पूर्वाहकालिक। कवर्गीयम्-कवर्ग में होनेवाला। प्रगेतनम्-प्रातःकालिक। स० १०६५ दोषातनम्-रात में होनेवाला। स्रोप्नः-सुघ्न से पाया। सू०१०८४ स० १०६६ सौनः-सघ्न देश में होनेवाला। शौल्कशालिक:-चुङ्गीखाने से प्राप्त । श्रौत्सः-निझर में पैदा हुआ। सू० १०६७ राष्ट्रियः-राष्ट्र में ,, औपाध्यायक:-उपाध्याय से प्राप्त । स० १०८५ पैतामहकः-पितामह से प्राप्त । प्रावृषिकः-वर्षा काल में होनेवाला । सू०१०६८ सू१०८६ समरूप्यम्-सम से आगत । सौधनः-सुघ्न में प्रायोभव। समीयम्-सम से , । सू० १०८८ विषमीयम-विषम से भागत। कौशेयम्-रेशमी वस्त्र। देवदत्तरूप्यम्-देवदत्त से प्रागत सू० १०६० देवदत्तम्-देवदत्त से भागत। दिश्यम्-दिशा में होनेवाला। स०.२०१६ वर्यम-वर्ग में , सममयम्-सम से प्रागत।

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